फर्जी पुलिस कॉल और Digital Arrest स्कैम: डर का जाल मत बनो!
फर्जी पुलिस कॉल और Digital Arrest स्कैम: डर का जाल मत बनो!

फर्जी पुलिस कॉल और Digital Arrest स्कैम: डर का जाल मत बनो!

Published on 23 Jun 2025

👤 Written by Ramesh Rathod

Fake Police Scam Digital Arrest Cyber Fraud WhatsApp Video Call Hack Free Bharat India Scam Alert Impersonation Child Threat Fraud

🎭 क्या है यह नया स्कैम?
अब स्कैमर खुद को पुलिस अधिकारी, साइबर सेल इंस्पेक्टर या क्राइम ब्रांच एजेंट बताकर लोगों को WhatsApp, Telegram या वीडियो कॉल पर डराने लगे हैं। वे कहते हैं:

“आपके बेटे/बेटी ने साइबर क्राइम किया है।”
“हमारे पास डिजिटल अरेस्ट वारंट है।”
“₹50,000 तुरंत दो, नहीं तो गिरफ्तारी होगी।”

वे नकली पुलिस यूनिफॉर्म, ID कार्ड और बैकग्राउंड के साथ सामने आते हैं, जिससे आम लोग डर जाते हैं।

📲 वे आपको कैसे फँसाते हैं?
स्कैमिंग तरीका विवरण
🎥 वीडियो कॉल पर आते हैं अक्सर WhatsApp या Telegram से
🧥 नकली यूनिफॉर्म पहनते हैं AI-generated या deepfake इस्तेमाल करते हैं
📝 फर्जी FIR या वारंट दिखाते हैं नंबर और बैज नकली होते हैं
💸 UPI से पैसे मांगते हैं या किसी संदिग्ध लिंक पर फॉर्म भरवाते हैं
👴 बुजुर्गों को टारगेट करते हैं माता-पिता को भावनात्मक दबाव में लाते हैं

📢 कानूनी सच्चाई:
🚫 "डिजिटल अरेस्ट" जैसा कोई कॉन्सेप्ट भारतीय कानून में नहीं है।

✅ अगर पुलिस को आपसे संपर्क करना है, तो:

वे ऑफिशियल नोटिस या समन भेजते हैं

वे कभी वीडियो कॉल पर पैसे नहीं मांगते

WhatsApp पर वारंट जारी नहीं किया जाता

⚠️ अगर आप स्कैम का शिकार हो रहे हैं, तो ध्यान दें:
कॉल मोबाइल नंबर से आता है

वे पुलिस स्टेशन का लैंडलाइन नंबर नहीं देते

कहते हैं:

“आपका बच्चा सेक्सटॉर्शन केस में है”
“वीडियो लीक कर देंगे अगर सहयोग नहीं किया”

कॉल अक्सर रात में होता है, डर पैदा करने के लिए

🛡️ कैसे बचें? क्या करें?
✅ घबराएं नहीं, शांत रहें
✅ उनसे नाम, बैज नंबर और थाना पूछें
✅ खुद गूगल करके थाने को कॉल करें
✅ कॉल रिकॉर्ड करें, स्क्रीनशॉट लें
✅ नंबर ब्लॉक करें

📩 शिकायत करें:

www.cybercrime.gov.in

ईमेल: report@cybercrime.gov.in

साइबर हेल्पलाइन: 1930

🧠 सच्ची घटना:
नासिक की एक महिला को WhatsApp वीडियो कॉल आया — जिसमें एक स्कैमर ने कहा कि उनका बेटा अश्लील कंटेंट में पकड़ा गया है और ₹50,000 देने होंगे।
वो डर गईं — लेकिन बाद में पता चला, यूनिफॉर्म, बैकग्राउंड और कॉल सब नकली थे।

✅ निष्कर्ष:
स्कैमर का हथियार है डर। आपका हथियार है जागरूकता।

👉 कोई असली पुलिस कभी वीडियो कॉल पर गिरफ्तारी नहीं करती
👉 WhatsApp से पैसे नहीं मांगती

जांचें, फिर भरोसा करें। Hack Free Bharat के साथ सुरक्षित रहें। 🛡️
📤 Share this blog: